भनवापुर। सरकार और प्रशासन के दावों के बावजूद गन्ना किसानों की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं.
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चीनी मिल द्वारा पिछले वर्ष का बकाया 72 लाख रुपये भुगतान नहीं किये जाने से
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किसानों का गन्ने की खेती से मोहभंग हो रहा है.
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बाढ़ प्रभावित क्षेत्र होने के कारण किसानों ने गन्ने की खेती कर अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने की सोची लेकिन मिल मालिकों के रवैये से उनके सपने बर्बाद हो रहे हैं.
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किसानों का कहना है कि समय पर भुगतान नहीं होने के कारण उन्हें गन्ने की खेती में काफी आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है
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गन्ना एकमात्र ऐसी फसल है जिसे हम चीनी मिलों को ऋण पर देने के लिए मजबूर हैं।
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जरूरत पड़ने पर कोई भी साहूकार या अन्य ऋणदाता गन्ने की फसल के बदले खाद या बीज नहीं देता है,
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जिससे उन्हें खेती करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.