written By Samreen
Writer By SK
image credit -Google
image credit -Google
क्योंकि यह अपनी जलवायु विविधता के अनुरूप बदलाव लाने की क्षमता के कारण संजीवनी पौधा है। चाहे बढ़ हो या सुखाड, रेगिस्तान या पहाड़ी इलाका हो बांस आसानी से उग जाता है।
image credit -Google
बांस को किसानों का एटीएम कहा जाता है बहु उपयोगी होने के कारण बांस की बिक्री की कोई समस्या नहीं रहती है खरीदार या व्यापारी खुद खेतों से काटकर ले जाते हैं
image credit -Google
ना बाजार का झंझट ना दाम कोई समस्या होती है। वही इस फसल की बात की जाए तो इसे एक बार लगा देने पर इसमें ज्यादा मानव श्रम की जरूरत नहीं पड़ती
image credit -Google
5 साल बाद से लेकर 30 साल तक इसे नियमित आमदनी होती रहती है। इसी के कारण बांस किसानों का एटीएम कहा जाता है।
image credit -Google
बांस की खेती के लिए बलुआही डोमार मिट्टी से लेकर चिकनी चट्टानी और दलदली मिट्टी भी अच्छी होती है। इससे आप अपेक्षित एरिया मैं भी उगा सकते हैं।
image credit -Google
लेकिन बांस की व्यावसायिक तौर पर खेती के लिए शुरुआत में बहुत ध्यान देना पड़ता है मानसून का महत्व इसकी रोपाई के लिए काफी होता है।
image credit -Google
सलिए जून से लेकर सितंबर तक का महीना उपयुक्त है।
image credit -Google
खेत की जुताई पता लगाना समतल करना तब फिर बीज प्रसारण या वानस्पतिक वीडियो से आप बांस की रोपाई कर सकते हैं ज्यादातर 1 साल पुराने कदं और बीट्टस रोपाई के उपयोग में ले जाते हैं।
image credit -Google
खेती से संबंधित किसी भी जानकारी को प्राप्त करने के लिए हमारा व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करें