इन दिनों गन्ने की फसल में टॉप बोरर नामक कीड़ा अपना असर दिखा रहा है गन्ने में टॉप बोरर ( top borer in sugarcane ) और पोका बोइंग ( Poka boing ) रोग को कैसे 1 दिन में खत्म करें गन्ने की फसल में टॉप बोरर रोग काफी बढ़ गया है इसी के चलते गन्ने की फसल में अब नया रोग पैर पसार रहा है
जिसे पोका बोइंग रोक के नाम से जाना जाता है पोका बोइंग का कारण तापमान और आद्रता है जिसकी वजह से गन्ने के उत्पादन में कमी आ सकती है ऐसे में किसानों की परेशानी बढ़ गई है इस रोग का मुख्य कारण बिना उपचार के बीजों का उपयोग करने की वजह से हुआ है यह रोग ज्यादातर 0238 किस्म के गन्ने में फैल रहा है
कृषि विज्ञान के अधिकारी डॉ आई के कुशवाह ने बताया है कि इस समय किसानों की मुख्य फसल गन्ने में कई प्रकार के रोग फेल रहे हैं यह रोग गन्ने की फसल के लिए बहुत घातक होते हैं उन्होंने कहा है कि यह रोग गन्ने की फसल में 1 साल में कभी भी आ सकता है इसलिए किसानों को समय-समय पर विशेषज्ञों की सलाह लेनी चाहिए
टॉप बोरर रोग क्या है What is top Borer Disease
Ganna enquiry Sugarcane Cane up.in Caneup.in eganna parchi Calendar 2023-24 उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों के सामने पहले से ही समस्याओं का अंबार रहा है और अब गन्ने की फसल में लगे टॉप बोरर कीट से बहुत परेशान हैं गन्ने की फसल में यह बहुत तेजी से फैल रहा है किसानों की आम भाषा में इसे सुंडी कहते हैं लेकिन कृषि अधिकारी और वैज्ञानिक भाषा में इसे चोटी बेदक यानी टॉप बोरर कहते हैं इस कीट का प्रकोप 0238 वैरायटी के गन्ने में अधिक हो रहा है और जिले में 95 परसेंट से अधिक फसल इसी वैरायटी के गन्ने की है गन्ने के इस प्रमुख कीट का प्रकोप पंजाब और हरियाणा की अपेक्षा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ज्यादा है
टॉप बोरर रोग को कैसे खत्म करें How to eliminate top borer disease
गन्ने में टॉप बोरर और पोका बोइंग रोग को 1 दिन में कैसे खत्म करें किसानों को यह उपचार करना चाहिए कि जून के दूसरे व तीसरे सप्ताह में किसान भाई कार्बो पारन नामक कीटनाशक रसायन का प्रयोग करें। इस रोग की रोकथाम के लिए इस रसायन को 13 से 15 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से तथा कोरोजन दवा का छिड़काव करें। छिड़काव सर्वोत्तम है
टॉप बोरर रोग की रोकथाम के लिए मई से जून के पहले सप्ताह तक 50ML कोराजन दवा को 400 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ छिड़काव करें, इसके अलावा फरटेरा का भी प्रयोग किया जा सकता है, लेकिन खेत में फर्टेरा का प्रयोग कम से कम करना चाहिए कम से कम 45 दिनों तक नमी बनाए रखें और सुबह या शाम को जड़ों के पास दवा का छिड़काव करना याद रखें। खेत में दवा का प्रयोग करने के बाद अगले 24 घंटे के अंदर खेत की सिंचाई कर देनी चाहिए.
पोका बोइंग रोग क्या है what is poka boing disease
गन्ने में पोका बोइंग रोग अधिकतम फ्यूजिरेयम ऑक्सिस्पोरम नामक फफूंदी के कारण फैलता है पोका बोइंग गन्ने की फसल में होने वाला एक फफूंद रोग है जिसका प्रकोप आमतौर पर बरसात के महीने में देखा जाता है वह का बोइंग फ्यूजिरेयम कवक के द्वारा फैलता है पोका बोइंग रोग चोटी बेदक रोग के जैसे होने के कारण किसान इसकी अच्छे तरीके से पहचान नहीं पाते और गलत कवकनाशी का प्रयोग कर लेते है
पोका बोइंग रोग को कैसे ख़त्म करें How to peliminate oka boing disease
अगर पोका बोइंग रोग ख़त्म हो जाए तो इसका इलाज जल्द से जल्द कराना चाहिए। आप ज़िन्कॉन केमिकल्स की सामग्री से बने किसी भी उत्पाद का उपयोग कर सकते हैं।
गन्ने में कौन सा जीवाणु रोग है?
यह माइकोप्लाज्मा के समान सूक्ष्मजीव से होने वाला रोग है। इसके कारण संक्रमित गन्ने से बहुत सारे पतले प्ररोह व तने निकलते हैं, जिनमें हरापन नहीं होता है। यह पूरा समूह घास के समान दिखाई देता है। इस रोग से ग्रसित समूह में गन्ने नहीं बनते या छोटे पतले आकार के बनते हैं।
गन्ने में कौन सी दवा डालनी चाहिए
मोनोकोटोफास 36 प्रतिशत घोल 2.1 ली0/हे0 की दर से 1250 ली0 पानी में घोलकर दो बार मध्य अगस्त एवं सितम्बर में छिड़काव करना।
गन्ने की पत्तियां पीली क्यों पड़ रही है?
गर्मियों के दिनों में गन्ने की फसल में पायरिला कीट का प्रकोप रहता है, ये पत्तियों का रस चूसते हैं, जिससे पत्तियाँ पीली पड़ जाती हैं। ऐसे में किसान समय रहते इससे बचाव करके नुकसान से बच सकते हैं। बढ़ते तापमान के साथ ही गन्ने की फसल में कई तरह के कीट लग जाते हैं, इनमें पायरिला कीट प्रमुख कीट होता है।