बीज बोते समय 30-35 डिग्री सेंटीग्रेड का तापमान होना सबसे अच्छा माना जाता है, साथ ही वातावरण शुष्क होने पर ही बुवाई की जानी चाहिए। गन्ने की खेती सभी प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है, लेकिन दोमट और काली दोमट मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है। गन्ने के खेत में पानी निकासी की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए।
गन्ने की सिंचाई ?
क्षेत्र के अनुसार गन्ने की बुवाई, सिंचाई और सिंचाई अलग-अलग समय पर की जाती है। वैसे तो गन्ने की फसल में कम से कम 4 सिंचाइयों और अधिक से अधिक 7-8 सिंचाइयों की आवश्यकता होती है।
गन्ने की फसल में खरपतवार नियंत्रण ?
गन्ने के पौधों की जड़ों को नमी व हवा देने के लिए खरपतवार नियंत्रण अति आवश्यक है, इसके लिए गर्मी के मौसम में प्रत्येक सिंचाई के बाद कुदाल, कुदाल या कल्टीवेटर से अच्छी निराई-गुड़ाई करें।
साथ ही खरपतवार नियंत्रण के लिए बुवाई के 1-2 दिन बाद पैनडेमेथिलीन 30 ई.सी. 3.3 किग्रा/हेक्टेयर की दर से 800-900 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करना चाहिए।
गन्ने की ग्रोथ कैसे बढ़ाएं
किसान भाई जब आप बेसल की बायो फर्टिलाइजर एनपीके का प्रयोग करेंगे तो आपको रिजल्ट मिलेगा तब आप तय करें कि आपको रासायनिक खाद का प्रयोग करना चाहिए या जैविक खाद का प्रयोग करना चाहिए। सबसे पहले हम किसान भाइयों को रासायनिक खाद कम और जैविक खाद ज्यादा प्रयोग करना चाहिए।
आइए जानते हैं कैसे बढ़ाएं धान के गन्ने की ग्रोथ!
सबसे पहले किसान भाई अपनी फसल को खरपतवार मुक्त रखें। गन्ने की फसल में किसान भाई निराई-गुड़ाई कर खरपतवार निकालते हैं। गन्ने की फसल में सिंचाई का उचित प्रबंधन करें। निराई गुड़ाई के बाद 12:32:16 @ 50 किग्रा, यूरिया 25 किग्रा, बायोबेटा ग्रेन्युलर 4 किग्रा और सल्फर 3 किग्रा प्रति एकड़ अच्छी तरह से मिलाकर डालें। धान गन्ने की वृद्धि और विकास के लिए इस वीडियो को ध्यान से देखें।
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