प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) क्या है
किसानों को बारिश, तापमान, पाला, नमी आदि स्थितियों के कारण काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इससे बचने के लिए किसान को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बहुत कम पैसे देकर अपनी फसल का बीमा कराने की सुविधा मिलती है। बीमा कवरेज के तहत यदि बीमित फसल नष्ट हो जाती है तो उसके पूरे मुआवजे की जिम्मेदारी बीमा कंपनी की होती है। इस बीमा के अंतर्गत खाद्य फसलें (अनाज, बाजरा और दालें), तिलहन और वार्षिक वाणिज्यिक/वार्षिक बागवानी फसलें शामिल हैं।
कैसे कर सकते हैं आवेदन?
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत आवेदन करने के लिए किसान किसी भी बैंक से बीमा करा सकते हैं। इसके लिए उन्हें बस बैंक जाकर एक फॉर्म भरना होता है और फिर उनकी फसल का बीमा हो जाता है. हालांकि किसानों को अपनी जमीन और अन्य दस्तावेज बैंक में जमा कराने होंगे.
वहीं, अगर किसानों के पास पहले से किसी तरह का लोन या क्रेडिट कार्ड है तो वे उसी बैंक से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा प्राप्त कर सकते हैं.
जल्द ही आपको डीजी क्लेम का लाभ मिलेगा
फसल बीमा योजनाओं में दावे एवं मुआवजे की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी एवं सरल बनाने के लिए डिजी क्लेम नामक प्रौद्योगिकी आधारित प्रणाली विकसित की गई है, जिसके तहत दावों का निपटान एवं मुआवजा वितरण जैसी प्रक्रियाएं आसान हो गई हैं। इस प्रक्रिया से किसानों को फसल नुकसान का मुआवजा जल्द मिल जाता है। इस प्रणाली की सहायता से मार्च 2023 में एक ही दिन में डिजीक्लेम के माध्यम से किसानों को 1200 करोड़ रुपये से अधिक के दावों का भुगतान किया गया है।
कम उपज पर भी मिलेगा क्लेम
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों को खेती में सभी वित्तीय जोखिमों से बचाने के लिए व्यापक सुरक्षा मिलती है। इसमें बुआई से पहले, मध्यावधि प्रतिकूलता, स्थानीय आपदाएं, उपज आधारित नुकसान और मौसम आधारित नुकसान जैसी आपदाएं शामिल हैं। यह बहुआयामी योजना किसानों को पूरे फसल चक्र के दौरान सुरक्षा कवच प्रदान करती है।
बीमा क्लेम कैसे प्राप्त करें?
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का दावा करने के लिए किसानों को सबसे पहले 72 घंटे के भीतर कृषि विभाग को फसल क्षति की रिपोर्ट देनी होगी। इसके बाद आपको आवेदन करना होगा. फसल खराब होने का कारण, कौन सी फसल बोई गई, किस क्षेत्र में फसल खराब हुई है, ये सारी जानकारी फॉर्म में देनी होगी. उन्हें जमीन से जुड़ी जानकारी भी देनी होगी. इसके अलावा बीमा पॉलिसी की फोटोकॉपी जरूरी है.
आवेदन के कुछ दिन बाद बीमा कंपनी के प्रतिनिधि और कृषि विभाग के कर्मचारी खेत का निरीक्षण कर नुकसान का आकलन करते हैं और सब कुछ सही पाए जाने पर पूरा बीमा क्लेम किसान के बैंक खाते में जमा कर दिया जाता है.
रजिस्ट्रेशन के समय इन दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी
किसान फसल बीमा करवाने के लिए संबंधित (पटवारी या पंचायत सचिव) से बीमा प्रस्ताव पत्र, भूमि अधिकार पुस्तिका की फोटोकॉपी, बुआई प्रमाण पत्र प्राप्त कर लें। आधार कार्ड (अनिवार्य), वोटर आईडी, पैन कार्ड आदि और बैंक पासबुक में से किसी एक की फोटोकॉपी लेकर बैंक पहुंचें और योजना का लाभ उठा सकते हैं।