गन्ना:28 फुट लंबाई एवं छह किलो वजन उत्तर प्रदेश: गन्ने की पैदावार में उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर आता है। जिसमें गन्ने की पैदावार भारी मात्रा में की जाती है। उत्तर प्रदेश के जिला सहारनपुर गन्ने की बंपर पैदावार के लिए पहचाने जाने वाला जिला है। सहारनपुर के किसान गन्ने की अधिक पैदावार करते हैं एवं 1 जिले में गन्ने की लंबाई और मोटाई देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं। की गन्ने की अधिक पैदावार किस तरह की जाती है। यदि आप भी गन्ना किसान हैं तो आपको यह लेख जरूर पढ़ना चाहिए जिसके माध्यम से आप गन्ने की अच्छी पैदावार करने की सीख ले सकते हैं। आइए जाने 28 फुट लंबे गन्ने के छह किलो भजन
सहारनपुर :भारत में गन्ने की अधिक पैदावार के लिए पहचान बनाने वाला राज्य उत्तर प्रदेश मात्र एक राज्य ऐसा है जिसमें गन्ने की अधिक पैदावार की जाती है किंतु उत्तर प्रदेश के भी कुछ राज्य गन्ने की अधिक पैदावार के लिए बहुत चर्चित हैं जिनमें सहारनपुर गन्ने की बंपर पैदावार के लिए जाना जाता है। सहारनपुर की चर्चित खबर की माने तो गन्ने की 28 फुट लंबे और करने के 6 किलो वजन के लिए खबरों में बना हुआ है। गन्ने की फसल में रासायनिक उर्वरकों का बहुतायत का प्रयोग करने से फसल में केवल रोग ग्रस्त हो रही थी बल्कि खेत भी बंजर होने लगे थे।
किंतु सहारनपुर के किसान विकास कुमार अपने गन्ने की उर्वरता के कारण देश भर में चर्चा में रहते हैं। जिसमें देवबंद क्षेत्र मैं जहां किसान प्रति बीघा 25 से 50 कुंतल गाना ही निकाल पा रहे हैं। वही विकास कुमार ने प्रति बीघा 125 से 150 प्रति कुंटल की औसत से गन्ने की अधिक पैदावार करते हुए एक नया कीर्तिमान बनाया है।
गन्ना:28 फुट लंबाई एवं छह किलो वजन तोड़े सभी रिकॉर्ड की बंपर पैदावार
किसान विकास कुमार ने बताया कि रसायनिक उर्वरकों का फसल में प्रयोग करने से रोगों का प्रकोप बढ़ रहा है। किंतु भूमि भी बंजर होती जा रही थी। हीरो बायो साइंस में किसानों को एक नई राह दिखाई। पिछले वर्ष कंपनी के एमडी डॉ राजीव सिंह चौहान से मिलकर कंपनी के उत्पादकों पर प्रयोग करना शुरू किया था। इसका प्रयोग करने से खेत फिर से लहर उठे गाने को देखकर लोग आश्चर्यचकित रह जाते हैं एवं गन्ने की फसल की फोटो खींच कर लेकर जाते हैं।
विकास कुमार का कहना था कि इस कंपनी द्वारा किसानों को दिखाई गई रहा में कुछ अन्य राज्य भी शामिल है। जिनमें हरियाणा, पंजाब, महाराष्ट्र, बिहार एवं मध्य प्रदेश राज्य के भी उनसे मिलने एवं गन्ने की अच्छी पैदावार और हीरो के उत्पादकों का मिट्टी की उर्वरा क्षमता बढ़ाने में खेत में ही सारे कीड़ों उनके अंडों को नष्ट करने वाली दवा व्यस्त सुखा रोग से बचाव का असर देखकर दंग रह जाते हैं। खेत में कई प्रकार की प्रजातियों के ऊपर कंपनी के उत्पादकों का ट्रायल भी किया।
कुछ गन्ना किसान गन्ना प्रजाति 0238 कि दूसरे वर्ष की फूटाव को लेकर भी परेशान रहते थे। वहीं इस प्रजाति के एक खून में 65 से 70 गणेश से भी अधिक कल्ले हैं। राज्य के किसान अपने गन्ने भुगतान को लेकर परेशान किसान गन्ने की बुआई करना नहीं चाहते थे। लेकिन मौसम की अन्य फसलों की बर्बादी को देखकर किसान फिर से गन्ने की अधिक पैदावार करने लगे हैं।
किंतु गन्ने की फसल के साथ-साथ किसान अन्य फसलों का भी लाभ इस फसल के साथ साथ दे रहे हैं। ट्रेंच विधि द्वारा बुआई करके एक साथ दो फसलों का लाभ प्राप्त कर रहे हैं। ट्रेंच विधि द्वारा गन्ने की फसल करने के साथ-साथ कुछ इस प्रकार की फसलों को भी एक साथ उगा रहे हैं। जैसे प्याज सरसों, लाया, फूलगोभी, पत्तागोभी, हरी मिर्च, मूंग, रमास आदि जैसी फसलों के रूप में ले रहे हैं।
गन्ना किसानों को बंधी उम्मीद?
गन्ने की अच्छी पैदावार के लिए जाने जाने वाले अजब सिंह एक गन्ना किसान के रूप में जाने जाते हैं। यह भी हीरो बायो साइंस का रिचार्ज खर्चा केवल ₹125 प्रति बीघा से 115 कुंतल प्रति बीघा की प्राप्ति हुई है। किसान अंकुश ने भी करने की 25 से 48 पेड़ निकले और 120 प्रति बीघा की प्राप्ति के साथ गन्ने की अच्छी पैदावार के लिए अपनी पहचान बनाई है।
अन्य फसल छोड़ दोबारा गन्ने की फसल उगाने वाले किसान।
गन्ने की बंपर पैदावार करने वाले किसान गांव साधारण पुर किसान अतेंद्र, नानक, आनंद कुमार, चंद्र कुमार, शिवराज सिंह, रविंद्र सिंह, गांव घरौली महिपाल सिंह, महेंद्र सिंह, वीरेंद्र सिंह, गौरव चौधरी, राजपाल सिंह, गांव रणसुरा ओम प्रकाश, जिला लखीमपुर खीरी किसान हरजीत सिंह, कविंद्र सिंह, अजब सी, चौधरी महेंद्र सिंह, चौधरी शिवराज सिंह, आदि किसानों ने दोबारा गन्ने की फसल को गाना शुरू किया।