Benefits of potash in sugarcane :- गन्ने में फिप्रोनिल के प्रयोग के फायदे. गन्ने में पोटाश और गंधक के फायदे- हमारे देश में गन्ने की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। क्योंकि गन्ने के इस्तेमाल से और भी कई चीजें बनाई जाती हैं। जिनमें से चीनी को प्रमुख माना जाता है। चीनी के उत्पादन के लिए गन्ने की खेती का बहुत महत्व है। गन्ने की मांग साल भर स्थिर रहती है। इसलिए कई किसान भाई गन्ने की खेती करना पसंद करते हैं।
गन्ने में पोटाश के फायदे
गन्ने में पोटाश के कुछ फायदे हमने नीचे दिए हैं।
- गन्ने में पोटाश का प्रयोग करने से गन्ना ठोस हो जाता है।
- गन्ने में पोटाश का प्रयोग करने से गन्ने में पानी की मात्रा अच्छी बनी रहती है। इससे गन्ना जल्दी नहीं सूखता है। और गन्ना सूखने से बच जाता है. इससे गन्ने की पैदावार अच्छी होती है।
- अगर आप गन्ने में पोटाश का इस्तेमाल करते हैं। इसलिए गन्ने में चीनी की मात्रा बढ़ जाती है। इस वजह से गन्ने में मिठास ज्यादा होती है।
डॉ. मलिक ने कहा कि कपास, गन्ना, धान, दलहन, तिलहन और सब्जियों को पोटाश देने से पौधे स्वस्थ, अधिक उपज देने वाले, चमकदार बनते हैं और फसलों को सूखे और पाले से बचाया जाता है. पोटाश कपास की फसल को सफेद मक्खी के कीट के हमले से भी बचाता है। गन्ने में तना और रेशे प्रबल होते हैं तथा विदलन अधिक होता है तथा शर्करा की मात्रा बढ़ जाती है।
आईपीएल के परियोजना अधिकारी डॉ. संजीव कुमार ने बताया कि किसान मिट्टी की जांच कराकर पोटाश की कमी का पता लगा सकते हैं. सामान्य संस्तुति के अनुसार बीटी कपास में 24 किग्रा, बासमती धान में 12 किग्रा, संकर एवं मोटा धान में 24 किग्रा, गन्ना में 20 किग्रा, मक्का में 25 किग्रा, गेहूं में 12 किग्रा, मूंगफली, प्याज, बैंगन में 10 किग्रा तथा बेल आलू में अन्य उर्वरकों के साथ 40 किग्रा शुद्ध कपास प्रति एकड़ दिया जा सकता है।
ऐसे करें सल्फर का प्रयोग
इस साल अनुमंडल क्षेत्र में लगातार बारिश हो रही है. जहां बारिश हुई हो और जहां गन्ने के खेत में नमी अधिक हो, वहां किसानों को गन्ने की फसल में उर्वरकों के रूप में पोषक तत्वों का प्रयोग करना चाहिए। किसान इसे गन्ने के खेत में छिड़क देते हैं। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि किसान अधिक नमी न होने की स्थिति में उर्वरकों के प्रयोग से बचें। कृषि वैज्ञानिक डॉ. अजय सिंह ने किसानों को प्रति गुच्छे में निर्धारित मात्रा में खाद देने की सलाह दी है।
गन्ने के बीज का चयन गन्ने का ही प्रयोग करें जो कम से कम 9 से 10 माह पुराना हो, गन्ने का बीज उन्नत नस्ल का, मोटा, ठोस, शुद्ध व रोगमुक्त हो, गन्ने की आँख पूर्ण विकसित व सूजी हुई हो। जिस गन्ने की कलियाँ छोटी हों, फूल गया हो, आँख से निकल गया हो या जड़ से निकल गया हो, उसका प्रयोग न करें।
2 thoughts on “गन्ने में पोटाश के फायदे और इसका प्रयोग कैसे करे”
Comments are closed.