Sweet Corn Farming: मौसम कोई भी हो स्वीट कॉर्न का स्वाद हर किसी की जुबान पर रहता है। स्वीट कॉर्न खासतौर पर पहाड़ों की यात्राओं और बरसात के मौसम में बड़े चाव से खाया जाता है। आपको बता दें कि स्वीट कॉर्न मक्के की एक मीठी किस्म है। इसकी फसल पकने से पहले दूधिया अवस्था में इसकी कटाई की जाती है। स्वीट कॉर्न को देश के साथ-साथ विदेशों में भी काफी पसंद किया जाता है. ऐसे में किसान भाई इसकी खेती कर भारी मुनाफा कमा सकते हैं.
स्वीट कॉर्न की खेती मक्के की खेती के समान ही है। स्वीट कॉर्न की खेती में मक्के की फसल को पकने से पहले ही तोड़ लिया जाता है, जिससे किसानों को बहुत जल्दी अच्छी आमदनी हो जाती है. स्वीट कॉर्न के साथ फूलों की खेती करके किसान गेंदा, ग्लेडियोलस और मसालों के साथ सहफसली खेती भी कर सकते हैं और एक ही समय में दोगुना पैसा कमा सकते हैं। इसके अलावा आप किसी खेत में धनिया, पालक, मटर और पत्तागोभी भी उगा सकते हैं.
स्वीट कॉर्न की कटाई एक बहुत ही आसान प्रक्रिया है। जब भुट्टों से दूधिया पदार्थ निकलने लगे तो फसल कटाई के लिए तैयार हो जाती है। स्वीट कॉर्न की कटाई सुबह या शाम को करें, इससे फसल लंबे समय तक ताजा रहेगी। कटाई पूरी होने के बाद इसे बाज़ारों में बेचें। स्वीट कॉर्न को लंबे समय तक स्टोर करके न रखें; इससे इसकी मिठास कम हो जाएगी.
इन बातों पर विशेष ध्यान दें
- जब आप इसकी खेती करें तो मक्के की उन्नत किस्मों का ही चयन करें।
- कीटरोधी किस्में कम समय में पकनी चाहिए।
- खेत तैयार करते समय जल निकासी का ध्यान अवश्य रखें, ताकि फसल में जलभराव न हो।
- वैसे तो स्वीट कॉर्न पूरे भारत में उगाया जाता है लेकिन सबसे ज्यादा उत्पादन उत्तर प्रदेश में होता है.
- स्वीट कॉर्न की बुआई रबी और ख़रीफ़ दोनों मौसमों में की जा सकती है.